Ajib Daastan Hai Yeh –
गुजर गये वोह सारे दिन…
कोई करिब नाओना…
जो ख्वाब थे हमारे बीच…
अब उसको ना दोहराओना…
अजीब दास्ता है ये।
चल रहे थे साथ साथ…
न जाने क्या हो गया…
बिछड गये थे रास्ते…
अकेले चल राहे टे हम…
अजीब दास्ता है ये।
छोड कर तुम मुझे…
कई दूर जाओगे…
याद मुझे तो आयेगी…
मे ना भूल पाऊंगी…
अजीब दास्ता है ये।
©Snehal Kalbhor